गोपाल सिंह रूदिया और मनसा सिसोदिया के मामले के चलते समस्त राजपूत समाज कटघरे में | जानिए कौन सही कौन गलत
श्री गोपाल सिंह रूदिया और उनकी पुत्रवधू मनसा सिसोदिया के बीच मामला उलझता ही जा रहा है, जिसके चलते राजस्थान का समस्त राजपूत समाज सही और गलत के बीच के फर्क में फस चुका है।
क्या है मामला?
यह मामला श्री गोपाल सिंह जी चौहान, रूदिया की पुत्रवधू मनसा सिसोदिया के सोश्ल मीडिया पोस्ट से सामने आया था। मनसा सिसोदिया ने 10 जून को अपने instagram अकाउंट पर एक विडियो साजहा किया जिसमे कुछ महिलाएं गोपाल सिंह जी के निवास स्थान पर उनके साथ बहस करती नज़र आ रही हैं।
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इससे पहले भी सोश्ल मीडिया पर कुछ लोगों ने एक open letter शेयर किया था जिसमे यह लिखा था:
क्या राजपूत समाज में एक पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी हो सकती है, वो भी पहली पत्नी और उसके परिवार को बिना बताएआप सभी अपनी राय ज़रूर दे,
समस्त राजपुत समाज से न्याय दिलाने की अपील,मै इन्दर सिंह सिसोदिया, ईशरू, से अपील करता हूँ कि मेरी बच्ची मनसा सिसोदिया राजपुत समाज जिसकी शादी मैंने गोपाल सिंह चौहान, रूदिया, के छोटे बेटे सूर्यवीर सिंह उर्फ छोटसा से 16 फरवरी 2021 को की थी, उसे शादी के बाद से ही प्रताडित किया जा रहा है और मेरी बच्ची @के रहते हुए अब उन्होंने अपने बच्चे की दुसरी शादी भी करवा दी। है। मेरी बच्ची के एक साल की बच्ची भी है। शादी के बाद से ही उसे दहेज के नाम पर प्रताड़ित किया जाता था। शादी के 7 महीने बाद ही दिनांक 7 अक्टूबर 2021 को राव 8 बजे घर से निकाल दिया जबकी वह प्रेंगनेंट थी। पुरे 9 महीने मेरी बच्ची मेरे घर ही रही | 11 मई 2022 को बच्ची पैदा हो जाने पर भी सबको सुचित करने के उपरान्त भी कोई सदस्य सुरजपुजन पर आया । ना मिलने आया और ना 12 मार्च 2023 को फिर भी मैने बात करके बालुण्डा करके मेरी बच्ची को वहाँ भेजा। 5 दिन में ही मेरी बच्ची को मरणासन स्थिति में वहाँ से लेकर आया । 22 अप्रेल 2023 को इन्होने अपने लड़के की दूसरी शादी रिंकु कंवर, उम्र 19 साल D/0 सुजान सिंह सोडा, गोल, बालोतरा से कर दी । , 9 जुन 2023 को पता चलने पर मेरी रूदिया हाऊस गई तो रिंकु कंवर बच्ची वहीं पाई गई | फिर गोपाल सिंह व उनकी पत्नी ने मेरी बच्ची, मेरी पत्नी सौ भाग्य कंवर 0/0 स्व. भगवान सिंह मेड़तिया, गोटन और मेरे परिवार की अन्य औरतों के साथ बदसलुकी करके धक्के देकर घर से बाहर निकाल दिया । क्या यही हैं राजपुत समाज जहाँ बहुओं को इन्सान भी ना समझा जाता हो और बहन – बेटियों के साथ हाथा-पाई की जाती हो।

गोपाल सिंह रूदिया का जवाब
समाज से अपीलमैं गोपाल सिंह चौहान रुदिया संपूर्ण समाज से यह अपील करता हूं कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर मेरे परिवार पर अनर्गल तथा झूठे आरोप लग रहे हैं यह सब मेरे से द्वेष भावना रखने वाले व्यक्तियों के द्वारा चलाया गया एक प्रोपेगेंडा है।जब इतनी सारी बातें हो ही रही है तो मुझे भी लगा मैं भी अपने पक्ष में कुछ निवेदन करूं सर्वप्रथम मैंने मेरी बहू को बेटी से बढ़कर माना वह मेरी बेटी है और बेटी रहेगी।विगत कुछ महीनों से मेरे छोटे पुत्र सूर्यवीर सिंह की पत्नी कुछ लोगों के बहकावे में आकर मेरे घर आ नहीं रहे थे तो मैंने इनके परिवार के लोगों से संपर्क कर उनको घर लाने के बहुत सारे प्रयास किए फिर उनकी बच्ची होने के बाद मैं और मेरा पुत्र सूर्यवीर सिंह बहू और पोती को लेने गए और वह हमारे साथ आ गए। फिर 5 दिन बाद उनके वह माता व पिता आए और लड़ाई झगड़ा कर कर उनको वापस अपने साथ ले गए। उसके बाद भी मैंने और मेरे परिवार के व उनके परिवार के विभिन्न सदस्यों से बातचीत कर बहुत सारे प्रयास किए उनको घर पर लाने के लिए परंतु वह अपनी जिद पर अड़े रहे। फिर अचानक यह 9 जून को मेरे बेटे की बहू व कुछ महिलाएं सुनियोजित तरीके से मेरे घर पर आते हैं हंगामा खड़ा करते हैंमैं समाज से यह कहना चाहता हूं कि मैंने इस लड़की को अपनी बच्ची से बढ़कर माना है और मानता रहूंगा और यह जो दूसरी शादी का भ्रम फैलाया जा रहा है वह एकदम झूठा तथा निराधार है। मैं पूरे समाज से अपील करना चाहता हूं कि वह मेरी बहू और पोती को घर ले आए हम उसका सम्मान स्वागत करेंगे तथा उसकी संपूर्ण सुरक्षा वह सभी आवश्यकताओं का निर्वहन मेरी वह मेरे पुत्र की जिम्मेदारी रहेगी।अंत में समाज तथा समाज बंधुओं से एक अपील ओर करना चाहता हूं कि यह सोशल मीडिया पर मेरे परिवार के खिलाफ जो झूठी बातें फैलाई जा रही है ।यह एक गलत परंपरा बन रही है समाज तथा मारवाड़ सभा को इस पर लगाम लगानी चाहिए। आज मेरे परिवार की इज्जत के साथ खेल रहे हैं कल किसी और की परिवार की इज्जत के साथ खिलवाड़ करेंगे । समाज में ऐसे कुछ समाज कंटक रहते हैं जिनको कभी उस बच्ची के घर बसाने के बारे में कोई रुचि नहीं होती उनको सिर्फ और सिर्फ अपना स्वार्थ साधना होता है । उनका उद्देश्य मुझे बदनाम करने तथा किसी भी प्रकार इस बच्ची का घर नहीं बसने देना है।
समाज का क्या कहना है?
राजपूत समाज अपनी इज्ज़त, मन, मर्यादा और संस्कृति को अपनी धरोहर मानते हैं और इस शर्मनाक वाकये के चलते शर्मिंदा भी हैं। समाज के लोग भी इस मामले को लेकर दो भागों में बंट गए हैं। कुछ लोगों का कहना है की गोपाल सिंह जी का नाम समाज के इज्जतदार लोगों में आता है तो दहेज प्रताड़ना जैसे मामले में उनपर लगे इल्ज़ाम बेबुनियाद हैं। साथ ही लोगों का यह भी तर्क है की अकारण वे अपने घर की बहू को घर से नहीं निकाल सकते। वहीं दूसरे पक्ष के लोगों का तर्क है की जो भी बात रही हो लेकिन एक पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करना कहाँ का न्याय है?
ऐसे में एक और राजपूत समाज की आन और इज्ज़त डाव पर लगी है और दूसरी तरफ एक बेटी की ज़िंदगी पर सवाल है। मामला कोर्ट में गया या नहीं इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस असमंझस की स्थिति से समाज कैसे बाहर आता है यह चर्चा का विषय रहने वाला है।